Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps May 19, 2018 जब किस्मत ने “उंगली” करना बंद किया तो हम बहुत खुश हुए . . . . . . . हमें क्या पता था कि किस्मत “बाम्बू” लेने गई है. Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
जोग ठगौरी ब्रज न बिकैहै July 02, 2018 जोग ठगौरी ब्रज न बिकैहै। यह ब्योपार तिहारो ऊधौ, ऐसोई फिरि जैहै॥ यह जापै लै आये हौ मधुकर, ताके उर न समैहै। दाख छांडि कैं कटुक निबौरी को अपने मुख खैहै॥ मूरी के पातन के केना को मुकताहल दैहै। सूरदास, प्रभु गुनहिं छांड़िकै को निरगुन निरबैहै॥ - सूरदास Read more
संदेसो दैवकी सों कहियौ July 17, 2018 संदेसो दैवकी सों कहियौ। `हौं तौ धाय तिहारे सुत की, मया करति नित रहियौ॥ जदपि टेव जानति तुम उनकी, तऊ मोहिं कहि आवे। प्रातहिं उठत तुम्हारे कान्हहिं माखन-रोटी भावै॥ तेल उबटनों अरु तातो जल देखत हीं भजि जाते। जोइ-जोइ मांगत सोइ-सोइ देती, क्रम-क्रम करिकैं न्हाते॥ सुर, पथिक सुनि, मोहिं रैनि-दिन बढ्यौ रहत उर सोच। मेरो अलक लडैतो मोहन ह्वै है करत संकोच॥ - सूरदास Read more
जसुमति दौरि लिये हरि कनियां July 01, 2018 जसुमति दौरि लिये हरि कनियां। आजु गयौ मेरौ गाय चरावन, हौं बलि जाउं निछनियां॥ मो कारन कचू आन्यौ नाहीं बन फल तोरि नन्हैया। तुमहिं मिलैं मैं अति सुख पायौ,मेरे कुंवर कन्हैया॥ कछुक खाहु जो भावै मोहन. दैरी माखन रोटी। सूरदास, प्रभु जीवहु जुग-जुग हरि-हलधर की जोटी॥ - सूरदास Read more
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