भेड़ों से नेताजी ने वादा किया कि वे हर भेड़ को एक-एक कम्बल देने जा रहे है।

भेड़ों का झुण्ड ख़ुशी से झूम उठा । उनकी हर्ष ध्वनि से आकाश में चहुंओर मिमियाहट गूंजने लगी।

फिर एक मेमने ने धीरे से अपनी माँ से पूछ लिया : ये नेताजी हमारे कम्बलों के लिए ऊन कहाँ से लाने वाले हैं ?

फिर वहां सन्नाटा था ।।

काश कि ये सवाल लोग राजनीतिक दलो से पूछते कि फ्री चीनी, दुध, घी, मोबाइल फोन, साईकल , लेपटॉप आदि कहाँ से ला कर देगें ?

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